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नगरीय विकास में क्या क्षीण होगा नागरीकों को स्वास्थ?

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उपरोक्त शीर्षक में प्रश्नचिन्ह आवश्यक होगा पर निचे लेख में संभावित उत्तर पर चर्चा अवश्य की है. स्वस्थ सुखी जीवन के लिए संतुलित भोजन व व्यायाम अत्ति आवश्यक है. प्रायः ऊक्त पंक्ति आपने कई बार पढ़ी व सुनी होगी. यहाँ इसी विषय को किसी भिन्न रूप में प्रस्तुत करने का कोई विचार नहीं है. यहाँ स्वस्थ, सुखी जीवन व हमारे शहरी विकास के परस्पर सम्बन्ध पर चिंतन अवश्य किया है. यह आधुनिक जीवनशैली  की विडम्बना है कि हमारे आज के समाज में कई नवीन रोग अस्तित्व में आ गए है. उद्धरण स्वरुप मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, आखों की दृष्टी कम होना, मानसिक तनाव जैसे कई साधारण से रोग अब महामारी का रूप लेते जा रहे है. इन साधारण से प्रतीत होने वाले रोगों में हमारी आधुनिक जीवनशैली अधिक दोषी है. इस के साथ कई और परिस्थितिया भी हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. उन में से: अव्यवस्थित शहरी विकास हमारे भारतीय शहरी व्यवस्था हमें रोगी करने में भी कोई कमी नहीं करती. जनसंख्या वृद्धि से प्रभावित समस्याएं संभवतः हमारे शहरी विकास के कर्णधारों को अधिक मुक्तता नहीं देती के वे शहरों के पर्यावरण पर भी विचार करें. शहरी विकास योज...